शिव-पार्वती और अमरनाथ गुफा
"मां पार्वती के मन में आया सवाल,
महादेव से उनने चाहा जवाब,
बताइए जरा हे नाथ!
आप है अजर, अमर,
पर मुझे हर बार जन्म लेना पड़ता,
पाने को आपका साथ।
जब हर जन्म आपको ही पा कर,
करना मुझे अपना उद्धार।
तो मेरी इतनी कठिन परीक्षा,
क्यों लेते हो हर बार?
साथ ही इच्छुक हूं मैं,
जानने को आपके कंठ के निरमुंड माला का रहस्य।
बताइए मुझे जगत में अमर होने का भेद,
करिए मत जरा भी अब देर।
प्रारंभ में, भोलेनाथ गौरा को टालते रहे हर बार,
उत्तर देना न समझा उचित,
पर उमा भी उत्तर पाने का कर बैठी थी नियत,
हठ पर अड़ी गिरजा को देख,
महादेव को देना ही पड़ा उत्तर उत्कृष्ट।
गुप्त स्थान की तलाश में थे भोलेनाथ,
छोड़ा नंदी को "पहलगाम" साथ।
अमरनाथ की यात्रा में, पहला स्थान,
दूजा स्थान जो यात्रा का है,
जो "चंदनवाड़ी" कहलाता है,
जहां भोलेनाथ ने चंद्रमा को उतारा है,...
महादेव से उनने चाहा जवाब,
बताइए जरा हे नाथ!
आप है अजर, अमर,
पर मुझे हर बार जन्म लेना पड़ता,
पाने को आपका साथ।
जब हर जन्म आपको ही पा कर,
करना मुझे अपना उद्धार।
तो मेरी इतनी कठिन परीक्षा,
क्यों लेते हो हर बार?
साथ ही इच्छुक हूं मैं,
जानने को आपके कंठ के निरमुंड माला का रहस्य।
बताइए मुझे जगत में अमर होने का भेद,
करिए मत जरा भी अब देर।
प्रारंभ में, भोलेनाथ गौरा को टालते रहे हर बार,
उत्तर देना न समझा उचित,
पर उमा भी उत्तर पाने का कर बैठी थी नियत,
हठ पर अड़ी गिरजा को देख,
महादेव को देना ही पड़ा उत्तर उत्कृष्ट।
गुप्त स्थान की तलाश में थे भोलेनाथ,
छोड़ा नंदी को "पहलगाम" साथ।
अमरनाथ की यात्रा में, पहला स्थान,
दूजा स्थान जो यात्रा का है,
जो "चंदनवाड़ी" कहलाता है,
जहां भोलेनाथ ने चंद्रमा को उतारा है,...