...

6 views

धीरे धीरे से तेरे पास आ जाये हैं
धीरे धीरे से तेरे पास आ जाये हैं
शरमा के तू केसे नजर चुराये हैं

नाज़ ना का भी क्या वार करे हैं
बांहों में थाम तुझे सिने से लगाये हैं

वो जो अदा से आंखे मीचें है
कितने गहरे दिल में घाव बनाये हैं

गुस्से में जो एड़ी पटके है
दर्द भी मेरा मुझे,गलती नजर आये हैं

होठो पर नम लाली गुलो कि सी हैं
चोरी का इल्ज़ाम तेरे सर आये है

ये घटा घनघोर सी जुल्फें हैं
खुस्क फजां ने भी जमाने पाये हैं

वो जो खड़ी हो हंसी होठों पे सजाये
दिलकश जिस्म जिन्दगी सा लुभाये है