हर पल तुमको चाहना पड़ा भारी।
हर पल तुमको चाहना पड़ा भारी
सच कहो तुम मोह्हबत थे या थे कोई
बीमारी 🤣🤣🤣
लगी धूप तो तुम्हारी अम्ब्रेला के नीचे
आ गए, लेकिन बरसात ने दूर रहे तुम्हारी
अम्ब्रेला से।
तुम्हें लगा हमें भीगने का शौक था,
तुम तो रोज़ हमारे ऊपर डालने
लगे भर भर बाल्टी पानी,
उफ़ तुमको क्या थी गलतफहमी
हमारी सावधानी को शौक समझे,
सुना तो होगा ना नज़र हटी
दुर्घटना...
सच कहो तुम मोह्हबत थे या थे कोई
बीमारी 🤣🤣🤣
लगी धूप तो तुम्हारी अम्ब्रेला के नीचे
आ गए, लेकिन बरसात ने दूर रहे तुम्हारी
अम्ब्रेला से।
तुम्हें लगा हमें भीगने का शौक था,
तुम तो रोज़ हमारे ऊपर डालने
लगे भर भर बाल्टी पानी,
उफ़ तुमको क्या थी गलतफहमी
हमारी सावधानी को शौक समझे,
सुना तो होगा ना नज़र हटी
दुर्घटना...