मुमकिन हो पाएगा
*मुमकिन हो पाएगा*
हर शख्स तुमसे अपना फायदा उठाएगा
मगर मुसीबत के वक्त काम नहीं आयेगा
मिट्टी में मिलाने की साजिशें जारी रहेगी
कोई अपना ही तुम्हें बरबाद कर जाएगा
ठंडी चांदनी तुम्हें नसीब हो न हो लेकिन
दोपहरी का सूरज हमेशा तुझे जलाएगा
कांच की तरह...
हर शख्स तुमसे अपना फायदा उठाएगा
मगर मुसीबत के वक्त काम नहीं आयेगा
मिट्टी में मिलाने की साजिशें जारी रहेगी
कोई अपना ही तुम्हें बरबाद कर जाएगा
ठंडी चांदनी तुम्हें नसीब हो न हो लेकिन
दोपहरी का सूरज हमेशा तुझे जलाएगा
कांच की तरह...