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#नसीब
#नसीब
मेरे नसीब में खुशियाँ कम दुःख ज़्यादा है
मेरी ज़िन्दगी में दोस्त कम दुश्मान ज़्यादा है।
मोहब्बत शायरों के हिस्से कम बादशाहों के ज़्यादा है
बची हुई ज़िन्दगी कम बहाने मौत के ज़्यादा है।
हुस्न पे जानबुझकर कम लिक्खा पर बिकता ज़्यादा है
उन्होंने किया भरोसा हम पर कम गैरों पर ज़्यादा है।
मेरी कलम में स्याही कम बहता खून ज़्यादा है
मेरे विचारों में डर कम पर होंसला ज़्यादा है।।
© Nitish Nagar
मेरे नसीब में खुशियाँ कम दुःख ज़्यादा है
मेरी ज़िन्दगी में दोस्त कम दुश्मान ज़्यादा है।
मोहब्बत शायरों के हिस्से कम बादशाहों के ज़्यादा है
बची हुई ज़िन्दगी कम बहाने मौत के ज़्यादा है।
हुस्न पे जानबुझकर कम लिक्खा पर बिकता ज़्यादा है
उन्होंने किया भरोसा हम पर कम गैरों पर ज़्यादा है।
मेरी कलम में स्याही कम बहता खून ज़्यादा है
मेरे विचारों में डर कम पर होंसला ज़्यादा है।।
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