भोंदू...
हां...!
ठिकठाक से
भोंदू से
दिखते है
तेरे पागल इश्क़ में
खुद को रूलाकर ,
आंसू जो बहाते
तेरे शहर में
लुकाछिपी खेलकर ,
क्या खूब कहते हैं ?
हमारे प्यार के क़िस्से
दिलों-ओ-जान से
जरा फ़िक्र...
किसको है यहां
वक़्त को...
ठिकठाक से
भोंदू से
दिखते है
तेरे पागल इश्क़ में
खुद को रूलाकर ,
आंसू जो बहाते
तेरे शहर में
लुकाछिपी खेलकर ,
क्या खूब कहते हैं ?
हमारे प्यार के क़िस्से
दिलों-ओ-जान से
जरा फ़िक्र...
किसको है यहां
वक़्त को...