सच!
हुस्न की हया से इश्क़ की चाहत और जवां होती है
जहाँ बसती है चाहत उस दिल से पाक़ जगह और कहाँ होती है
सच बेज़ुबां है मगर जुबां का मोहताज कहाँ होता है
ये सच अक़्सर, बेज़ुबां नज़रों...
जहाँ बसती है चाहत उस दिल से पाक़ जगह और कहाँ होती है
सच बेज़ुबां है मगर जुबां का मोहताज कहाँ होता है
ये सच अक़्सर, बेज़ुबां नज़रों...