शीर्षक - नारी उठो।
शीर्षक - नारी उठो।
नारी उठो क़दम बढ़ा चले चलो।
अपने सपनों को स्वयं गढ़े चलो।
वेदना की सीढ़ी से उतरकर अब,
लगाकर पर सपनों में उड़े चलो।
नारी उठो क़दम बढ़ा चले चलो।
देखो दिशाएँ यह बहती हवाएँ।
कँधे से कंधा मिला उतरे चलो।
चीरों बादलों को छानो आकाश,
समस्त ऊंचाइयों पर चढ़े चलो।
नारी उठो क़दम बढ़ा चले चलो।...
नारी उठो क़दम बढ़ा चले चलो।
अपने सपनों को स्वयं गढ़े चलो।
वेदना की सीढ़ी से उतरकर अब,
लगाकर पर सपनों में उड़े चलो।
नारी उठो क़दम बढ़ा चले चलो।
देखो दिशाएँ यह बहती हवाएँ।
कँधे से कंधा मिला उतरे चलो।
चीरों बादलों को छानो आकाश,
समस्त ऊंचाइयों पर चढ़े चलो।
नारी उठो क़दम बढ़ा चले चलो।...