फितरत
तेरी मोहब्बत का शौक पालने वाले
ये जुबान से,दिल से तेरा नाम लेते हैं
जरा सी बात पे फिर खफा होकर यूं
आवेश में होश अपने भुला कर क्यों
आसमान सिर पर उठा, हद्द करते हैं
जिस जुबान से निकला है नाम तेरा
वह गफलत में संस्कार...
ये जुबान से,दिल से तेरा नाम लेते हैं
जरा सी बात पे फिर खफा होकर यूं
आवेश में होश अपने भुला कर क्यों
आसमान सिर पर उठा, हद्द करते हैं
जिस जुबान से निकला है नाम तेरा
वह गफलत में संस्कार...