...

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पहलू...

खूब सुना मोहब्बत के बारे में
किसी से इश्क फ़रमाया ही नहीं

ग़ज़लें पड़ी रही
मोहब्बत के नगमें सुनाती रही
किसी ने इश्क़ लिखा ही नहीं

तुम गये, मैं गया
कारण ये था, कारण वो था
सब ने अपना अपना हिसाब दिया
किसी ने हम बोला ही नहीं

खूब सुना मोहब्बत में
वफ़ा होती है
उंसिय्यत होती है
ओर क्या नहीं
किसी ने इश्क़ की क़ैफ़ियत बतलाया ही नहीं

मैं जुडा, तुम जुड़े ...