गुमनामी (भारतांकित भाग - 7)
भारतांकित रचना को आगे बढ़ाते हुए भारत मां की गुलामी से आजाद के सफर पर प्रकाश डालूंगा। यह हम सब का कर्तव्य है की इस आजादी को जो हजारों बरस बाद नसीब हुई है उसका उचित सम्मान करें और इसमें निरंतर प्राण भरें। इस रचना के 6 भाग story section में हैं।
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करूंगा अंकित उस बेईमानी को
जो तुछ्यता से होती रही
उस गुमनामी को
जिसमें भारत मां सोती रही
और उस गुलामी को
जिसमें जनता रोती रही
वो तुगलक, वो मुगल
वो अंग्रेजों की कहानियां
वो...
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करूंगा अंकित उस बेईमानी को
जो तुछ्यता से होती रही
उस गुमनामी को
जिसमें भारत मां सोती रही
और उस गुलामी को
जिसमें जनता रोती रही
वो तुगलक, वो मुगल
वो अंग्रेजों की कहानियां
वो...