...

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की ये रोना धोना छोड़ अब ....
ये रोना धोना छोड़ अब, तू हौसले बुलंद कर ।
यह दुनिया है ईमान की, ईमान को बढ़ाए जा ।तू काली है ,तू चंडिका , हर रूप को निखारे जा।
तेरी आंखों में जो दर्द है, यह दर्द ना छुपाये जा ।
तेरी मौत भी हो सामने, तू सामना कर आए जा। यह दुनिया है जो ढोंग कि, तू पर्दा भी हटाए जा।
ये दुनिया तेरी मुट्ठी में, तू खुद इसे चलाए जा ।
तेरे हौसले बुलंद है ,बुलंदियों पर जाए जा।
तू काली है , तू चंडीका...