"लेखिका से प्रेम आसान है क्या "
लिखान, मे हो जिसका विशेष रुझान
नित, नविन
व्यक्तित्व को गढ़ती हुई
ऐसी लेखिका से प्रेम आसान है क्या
ख्यालो को शब्द रूप देती हुई,
नित,नविन
रचनाओं को रचती हुई
ऐसी लेखिका से प्रेम आसान है क्या
बाहरी आवरण हो
जिसका सहज़, सरल,मृदू भाषी
पर अपने ही विचारों मे उलझी हुई
ऐसी लेखिका से प्रेम आसान है क्या
मोहब्बत के आकार, विकार को स्पष्ट करती हुई
नित नविन, किरदारों संग खेलती हुई
ऐसी लेखिका से प्रेम आसान है क्या
निष्ठुर,...
नित, नविन
व्यक्तित्व को गढ़ती हुई
ऐसी लेखिका से प्रेम आसान है क्या
ख्यालो को शब्द रूप देती हुई,
नित,नविन
रचनाओं को रचती हुई
ऐसी लेखिका से प्रेम आसान है क्या
बाहरी आवरण हो
जिसका सहज़, सरल,मृदू भाषी
पर अपने ही विचारों मे उलझी हुई
ऐसी लेखिका से प्रेम आसान है क्या
मोहब्बत के आकार, विकार को स्पष्ट करती हुई
नित नविन, किरदारों संग खेलती हुई
ऐसी लेखिका से प्रेम आसान है क्या
निष्ठुर,...