...

15 views

गजल


हर गली चौराहे पर खड़े है रावण सीता हरण को
ये कलयुग है न बनेगा कोई अब राम शायद

खंजर है हर हाथों मे और नशा है आँखों में खून का
खाली पडे हैं मयखाने न होगा किसी के हाथ कोई अब जाम शायद

देर तक बैठ...