बताती उसे!
कभी जानने को कोशिश की होती
तो, बताती उसे.......
महेंगे फरमायिशे नहीं है मेरे
हां, पर कीमती एहसाशसत की तलब हैं मुझे
हीरों का हार नहीं चाहिए मुझे
प्यार से कुछ भी दे
वही काफ़ी होगा मेरे लिए
घंटो अपना वक्त बर्बाद न करें मुझपे
काम को पहले, बाद में वक्त दे मुझे
हां, मगर जब वक्त दे उस पल,
अपनी...
तो, बताती उसे.......
महेंगे फरमायिशे नहीं है मेरे
हां, पर कीमती एहसाशसत की तलब हैं मुझे
हीरों का हार नहीं चाहिए मुझे
प्यार से कुछ भी दे
वही काफ़ी होगा मेरे लिए
घंटो अपना वक्त बर्बाद न करें मुझपे
काम को पहले, बाद में वक्त दे मुझे
हां, मगर जब वक्त दे उस पल,
अपनी...