...

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जनम दिन ये मेरा।
अबके जनम दिन।

हर बार की तरह आकर इस बार भी गुजर गया।
हां मगर अब उम्र का, चालीसवां साल लग गया।

गुजरे वक्त में आंखों से कुछ मंजर गुजर गए।
कुछ बिखरे सपने, और कुछ बंजर संवर गए।
कुछ टूट गए रिश्ते, कुछ गैर ही फरिश्ते हो गए।
कहीं छूट गईं मंजिल, कहीं खुद राह चलते खो गए।
कुछ उम्र के पड़ाव पर दिल भी थक गया।
हां अब उम्र का चालीसवां साल लग गया।

जिनसे थीं बहुत...