...

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इंतजार
सुबह का इंतजार करती हू
उजाले की कोई गुंजाइश नही
फिर भी आशाए करती हू
सबका सूरज निकल आया
मेरा कब निकलेगा .........
इंतजार करती हू मै उस सुबह का
जिस दिन मै फूलो की तरह मुस्कुराउंगी
पंक्षियो की तरह चहचहाऊगी
भौरो की तरह गुनगुनाउगी ........
इंतजार करते करते बरसो बीत गए ...