दिसम्बर की बातें
घने कुहरे की छाँव में, जलते अ लाव में
अपनों के साथ बैठ,यादों की नाव में
दिसम्बर दिसम्बर सा लगता हैँ मेरे गांव में |
हर तरफ छाई रहती धुंध, अलसाया सूरज...
अपनों के साथ बैठ,यादों की नाव में
दिसम्बर दिसम्बर सा लगता हैँ मेरे गांव में |
हर तरफ छाई रहती धुंध, अलसाया सूरज...