जमाने ने मुझे चोट दी है||
चले हैं लोग मैं रस्ता हुआ हूं
मुद्दत से यहीं ठहरा हुआ हूं
ज़माने ने मुझे जब चोट दी है
मैं जिंदा था नहीं जिंदा हुआ हूं
मैं पहले से कभी ऐसा नहीं था
मैं तुमको देखकर प्यारा हुआ हूं
मैं कागज सा न फट जाऊं
ए लोगो उठाओ ना मुझे भीगा...
मुद्दत से यहीं ठहरा हुआ हूं
ज़माने ने मुझे जब चोट दी है
मैं जिंदा था नहीं जिंदा हुआ हूं
मैं पहले से कभी ऐसा नहीं था
मैं तुमको देखकर प्यारा हुआ हूं
मैं कागज सा न फट जाऊं
ए लोगो उठाओ ना मुझे भीगा...