इश्क़ की किताब में
इश्क़ की किताब में,, साहिब
तुम्हारा नाम शुरू से अंत तक
और उसमे छुपा मेरा प्रेम अनंत तक
पतझड़ के दिनों से लेकर बसंत तक
मैंने गढ़ा है और पढ़ा है तुमको साहिब,,,
प्रेम की चादर में लिपटे हुए संत तक
Namita Chauhan
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