...

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पिता का साथ
पिता का साथ है तो
हर मुश्किल सवाल
का हल तुरन्त मिल जाएगा!
सूनी है डगर तेरी आज तो पापा
के साथ से हर
सफ़र सफ़ल हो जाएगा!!

मैं हूँ कटी पतंग तो,पापा है
उसकी मजबूत डोर अब
तो किनारा मिल जाएगा,
उंगली पकड़ ली है पापा की
तो हर मंजिल पे मेरे नाम
का झंडा लहराएगा!!

आँखों में प्यार का सागर लिए,
हरदम फटकार लगाते इनके नक्शे
कदम पर चल कर सफलता का
मुक़ाम मिल ही जाएगा!!

जब भी पड़ी अचमंजश में
विश्वास और धैर्य का कलाम सिखाया,
मेरी हर सिसकियों में अपनी आंखों को भिगोया
मेरी स्वाभिमान को आयाम दिया!!

खुद की खुशियों को त्याग कर
हमें काबिल बनाया
जीवन को नया कयाम दिया,
धूप लगी तो बरगद की छाया बनकर
धधकते आग में जलती पीड़ा को विश्राम दिया!!

कभी धरती बनकर रहने का आसरा दिया,
तो कभी आसमान
बन कर जीवन सवार दिया,
कभी एतराम दिया,
पिता से मिली अस्तित्व की पहचान,
सीखा कठिन परिस्थितियों में
संयम को विस्तार दिया!!

पिता है एक वटवृक्ष समान जिनकी छत्रछाया में,
खुशियों का आराम दिया,
पापा कि वो प्यार भरी डांट फटकार
मानों जैसे एक आशीर्वाद दिया !!
© Paswan@girl