kuch Is Tarah ...
कुछ इस तरह चलते रहे वो राहों पर
खबर ना रही राहों की.
चलते रहे कितने लम्हे बीत गये
फिर एक ख्वाब ऐसा मिला
जो ठहर गया आँखों में.
मौसम भी बदल गया
कुछ यूं जैसे बेवजह बरसात आई हो. .
.
खबर ना रही राहों की.
चलते रहे कितने लम्हे बीत गये
फिर एक ख्वाब ऐसा मिला
जो ठहर गया आँखों में.
मौसम भी बदल गया
कुछ यूं जैसे बेवजह बरसात आई हो. .
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