...

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फीरसे खुल के मुस्कुराएंगे
इतनी चाहत मत रख हमारी तकदीर से
एक दिन ये भी करवट ले लेगी,
तूने मुंह जो फेरा हे हमसे उसका हिसाब लेने यही आयेंगे,
वक्त दे फिर से खुल के मुस्कुराएंगे,
तेरे दिए तोफे को कहीं दफना आएंगे,
इतनी मोहोब्बत्त न कर हमारी तनहाई से
हम अपने अज़ीज़ ओ से घिरे हे,
हम खुदसे तेरे लिए लड़े थे,
तो तुजसे केसे हारेंगे,
तू फिकर मत कर तेरे सुहाग के लिए भी
ईश्वर के दर पर दीप प्रगताएंगे,
थोड़ा सा सब्र कर ले हम फीरसे खुल के मुस्कुराएंगे।
© Poshiv