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जिन्दगी
ज़िन्दगी

एक ऐसी उम्मीद जिसके पास हम सब एक नई तलाश
पता नहीं ये उम्मीद मिल जाती या नहीं

लाखो दूर सपनों के लिए एक पूरी दुनिया
अपनों से दुर मां- बाब दोस्त अपने के उम्मीद
लगता है उनको भी कुछ उम्मीद है हमारे ऊपर
देखा है काई लाग दम तोर देते है जिंदगी को जरा सा बेहतर बनाने में
पर किसी को असानी से मिल जाती है इन सपनों को।
हजारों लोग मिलते हैं जिंदगी के रास्ते पर
साब का अपना-अपना हालत और फिर भी कुछ उम्मीद है

फिर ये जिंदगी क्यों सताती हो इतना हमे
फिर भी तुमे पाने वाला कहते जिंदगी कुछ भी नहीं
कुछ भी नहीं फिर भी तुम हो खास लोगों के लिया
अगर तुम्हें एक बार मिलने का मौका मिला तो
पुछ लेते तुमसे तुम क्यों हताशा क्यी बनाते हो लोगोंको
ना तो परिवार ना तो दोस्तों साबसे अलग क्यों करते हो तुम
तुम क्यों इतना परेशान बनाते तुम बस एक ख्वाब हो
जिस में हम उछल परतें है कुछ सम्झविन
किसी को रास्ते पर किसी को महलों पर
लोगों को मुस्किल लगने लगें तुम जिंदगी
सुनना है किसी को दोबारा मैका भी देता हो जिंदगी
बासा में भी चहाता ही हमें भी दो मैका जिंदगी
तुम्हारे पिछे छोरदी हमनै अपनों का साथ
फिर भी क्यों लगाते हो रूठे हो हामसे तुम ज़िन्दगी
सीख गये तुमसे तेज चलना और न रुकना
बस छूट गये हमारा अच्छा वक्त और बचपना
आप तुमसे कोही सिकायत नहीं ज़िन्दगी
शबर ना करा इतना ज़िंदगी मेरे लिए कुछ हो तो बस दें
क्यूंकि मेरा कोई अपना इंतजार कर रहा है मेरे लौटनके

बस में भी दो पल बिताने पही उन के पास जिंदगी
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