वो मिलकर भी मिला नही....
मुझे तलाश थी उस तलाश की,
जो मिलकर भी मिला नहीं,
ये बात कुछ अजीब थी
मैं कयी रात जागती रही,
बस चांद ताकती रही,
वो ओस बनके गिरता रहा,
फूलोँ से लिपटता रहा,
यह बात कुछ अजीब थी
वो कभी साथ...
जो मिलकर भी मिला नहीं,
ये बात कुछ अजीब थी
मैं कयी रात जागती रही,
बस चांद ताकती रही,
वो ओस बनके गिरता रहा,
फूलोँ से लिपटता रहा,
यह बात कुछ अजीब थी
वो कभी साथ...