सोच रही हूं क्या लिखूं
सोच रही हूं क्या लिखूं,
मन के सारे सवाल लिख दूं
या बेचैनियों को शब्द दे दूं
अपने जज़्बातों को स्याही में डुबो दूं
या ख्वाहिशों को पन्नों पर उतार दूं।
सोच रही हूं क्या लिखूं,
फासलों को कम करने की एक पहल लिख दूं
या किसी रूठे यार के नाम कोई ख़त लिख दूं
किसी अपने को एक hi लिख दूं
या...
मन के सारे सवाल लिख दूं
या बेचैनियों को शब्द दे दूं
अपने जज़्बातों को स्याही में डुबो दूं
या ख्वाहिशों को पन्नों पर उतार दूं।
सोच रही हूं क्या लिखूं,
फासलों को कम करने की एक पहल लिख दूं
या किसी रूठे यार के नाम कोई ख़त लिख दूं
किसी अपने को एक hi लिख दूं
या...