ठगिनी माया प्रेम की, छलना है संसार ।
"ठगिनी माया प्रेम की, छलना है संसार ।
प्रज्ञा और विवेक से, होता जीवन पार
घाव लगे तन में कहीं, होते सौ उपचार ।
छलनी हो जब मन-मुकुर, सब औषधि बेकार ।।
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प्रज्ञा और विवेक से, होता जीवन पार
घाव लगे तन में कहीं, होते सौ उपचार ।
छलनी हो जब मन-मुकुर, सब औषधि बेकार ।।
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