...

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दरिया
आहिस्ता आहिस्ता बर्बादी की ओर बढ़ रहा हूं मैं
मिट्टी को तेरी शक्ल के रूप में गढ रहा हूं मैं

तेरी नज़दीकियां कांटों की तरह चुभती है मुझे
इसलिए राह - ए- फासलों की ओर बढ़ रहा...