...

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🌺ये क्या हुआ!🌸
🌸🌺🌸🌺

बेच आए आज तुम पांच सौ- हज़ार में,
गोया ज़मीर ज़मीर न हुआ, कुर्ता हुआ,

बिन लिए डकार बस खा रहे हो रूपए,
गोया रूपया रूपया न हुआ,भर्ता हुआ,

चल बसे मां बाप बर्बादी देखने से पहले,
गोया इंतकाल इंतकाल न हुआ,पर्दा हुआ,

पीठ पर मेरी खंज़र भोंक दिया यार ने,
गोया भरोसा भरोसा न हुआ,गर्दा हुआ,

न मोहब्बत, न हमदर्दी और न इत्तेफाक,
गोया आदमी आदमी न हुआ, मुर्दा हुआ!
🌸🌺🌸🌺
—Vijay Kumar
© Truly Chambyal