जाने दो
#जाने-दो..!
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
वक्ता जो बेवक़्त बनाया,
कहाँ चाह थी मुझें भाया,
मेरे मन की मीत न मिलती,
तो कैसे हम संग मिलाते,
मेरे मन के जो अफसाने,
मेरे मुझसे जो दीवाने,
मेरे तेरा क्या...
जाने दो जो चला गया,
मृगछालों से जो ठगा गया।
वक्ता जो बेवक़्त बनाया,
कहाँ चाह थी मुझें भाया,
मेरे मन की मीत न मिलती,
तो कैसे हम संग मिलाते,
मेरे मन के जो अफसाने,
मेरे मुझसे जो दीवाने,
मेरे तेरा क्या...