ग़ज़ल
फ़लक पर पाँव धरने लग गए हैं
हवा से बात करने लग गए हैं
जो करते रहते थे हिम्मत की बातें
वो एक आहट से डरने लगे गए हैं
बुराई में कटी जिनकी जवानी
बुढ़ापे में...
हवा से बात करने लग गए हैं
जो करते रहते थे हिम्मत की बातें
वो एक आहट से डरने लगे गए हैं
बुराई में कटी जिनकी जवानी
बुढ़ापे में...