सृजन
जगत के कालचक्र में
उद्भव का भी
सृजन हुआ जब
सौंदर्य प्रकृति की
निहारने लगी तब
प्रकृति की गोद में
किलकारियां लगी...
उद्भव का भी
सृजन हुआ जब
सौंदर्य प्रकृति की
निहारने लगी तब
प्रकृति की गोद में
किलकारियां लगी...