साथ
अलग,हम दोनो बिल्कुल ही अलग है, वो सूरज सा हमेशा चमकता रहता है और मैं चाँद सी एकदम शांत,रात के इन अंधेरो में कही गुम, उसे नऐ-नऐ लोगो से मिलना,खुल कर अपनी जिंदगी जीना,मस्ती करना,खतरों से खेलना बहुत अच्छा लगता है, पर मुझे अकेले रहना,खुदमे रहना,खुद से बातें करना ये सब अच्छा लगता है, जब हम दोनों एक दूसरे से इतने ही अलग है तो फिर हमें एक दूसरे से मोहब्बत कैसे और क्यों हो गई, एक दूसरे के लिए मर मिटने वाली,हर हद से गुजरने वाली...