...

20 views

घूंघट 👰
है कौन घूंघट, सर से फिसला जा रहा,
घूंघट अंध प्रथाओं का,
या दहेज का कारोबार किया जा रहा।

है कैसा घूंघट, जो गिरा जा रहा,
उछाल इज़्ज़त लक्ष्मी की घर की,
कौन घूंघट करिने से खींचा जा रहा।

किसका घूंघट, घट घट घटता चला जा रहा,
कभी नज़रों से, कभी जिस्मों पर,
हाथ कैसे घिनौने ढंग से फेरा जा रहा।

घूंघट के भीतर, कारोबार कैसा करा जा रहा,
बेच चुके बहन और बेटियां,
अब देश पर काम किया जा रहा।

लहराते घूंघट में किस सीता का हरण किया जा रहा,
लूटी पड़ी आन, बान, शान सारी,
और क्यों अपनी...