बारिश की दिल्लगी
बहकती हवाओं का रुख देख, आसमान के बादल... पहाड़ों को छेड़ने लगे ।
बरसती बरसात के बुंदेँ देख, आवारगी में भंवरे कलियों संग खेलने लगे ।।
बाद क़हर, उल्टे एतराफ़ के पानी की छुअन, जान जानवरों को खुशियाँ देने लगी ।
और सूखी जमीन भी, फ़लक को शुक्रिया पेश कर इन्हें अपने अंदर समेटने...
बरसती बरसात के बुंदेँ देख, आवारगी में भंवरे कलियों संग खेलने लगे ।।
बाद क़हर, उल्टे एतराफ़ के पानी की छुअन, जान जानवरों को खुशियाँ देने लगी ।
और सूखी जमीन भी, फ़लक को शुक्रिया पेश कर इन्हें अपने अंदर समेटने...