वफ़ा
वफा सिर्फ हमारे सर हैं क्या
ईमान कोई तुम्हारे दर हैं क्या
बच्चे सा दिल हैं तो रोना ही ठीक
बसे इंसान...
ईमान कोई तुम्हारे दर हैं क्या
बच्चे सा दिल हैं तो रोना ही ठीक
बसे इंसान...