सर पे पल्लू धरना
सदा मर्यादा में रहना
अपने से बड़े बुड्ढों का
आदर और सम्मान करना
अपनी संस्कृति का सदा मान रखना
चकाचौंध भरी इस दुनिया में
देखो तुम कहीं गुम न होना
संस्कार जो दिए तुम्हें तुम्हारे परिजनों ने
तुम्हारे विवाह संस्कार समारोह में
उसको कभी तुम भुला ना देना
अपने कुल की मान रखना
दादा दादी के कथनों का सम्मान रखना
माता-पिता के वचनों का मूल्य समझना
सर पर पल्लू सदा तू धरना
नजरों की नियत होती है बड़ी खराब,
इससे सदा तू बचना
भूल कर भी कभी...
अपने से बड़े बुड्ढों का
आदर और सम्मान करना
अपनी संस्कृति का सदा मान रखना
चकाचौंध भरी इस दुनिया में
देखो तुम कहीं गुम न होना
संस्कार जो दिए तुम्हें तुम्हारे परिजनों ने
तुम्हारे विवाह संस्कार समारोह में
उसको कभी तुम भुला ना देना
अपने कुल की मान रखना
दादा दादी के कथनों का सम्मान रखना
माता-पिता के वचनों का मूल्य समझना
सर पर पल्लू सदा तू धरना
नजरों की नियत होती है बड़ी खराब,
इससे सदा तू बचना
भूल कर भी कभी...