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मोहब्बत के रंग (Holi Special)
तेरी चाहत की बात करूँ तो,
तेरी चाहत त्यौहारों जैसी है..!
मैं तुझको रंग क्या लगाऊँ,
तू खुद..
होली के रंगों जैसी है..!
गाल हैं तेरे लाल लाल,
तेरे माथे पे बिंदिया हरी सी,
तुझे देख पिचकारी मारूँ तो,
तू गायब हो जाए परी सी,
तेरे कान का झुमका नीला हो गया,
तेरा सफेद सूट भी पीला हो गया..!
पानी के गुब्बारों से बच ना सकी,
तेरा अंग अंग, अब गीला हो गया..!
तेरा नृत्य देख कर लगता है,
तू ढोल मृदंगों जैसी है..!
मैं तुझको रंग क्या लगाऊँ,
तू खुद.. होली के रंगों जैसी है..!
© deep_k_lafz
तेरी चाहत त्यौहारों जैसी है..!
मैं तुझको रंग क्या लगाऊँ,
तू खुद..
होली के रंगों जैसी है..!
गाल हैं तेरे लाल लाल,
तेरे माथे पे बिंदिया हरी सी,
तुझे देख पिचकारी मारूँ तो,
तू गायब हो जाए परी सी,
तेरे कान का झुमका नीला हो गया,
तेरा सफेद सूट भी पीला हो गया..!
पानी के गुब्बारों से बच ना सकी,
तेरा अंग अंग, अब गीला हो गया..!
तेरा नृत्य देख कर लगता है,
तू ढोल मृदंगों जैसी है..!
मैं तुझको रंग क्या लगाऊँ,
तू खुद.. होली के रंगों जैसी है..!
© deep_k_lafz
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