जय हिन्द जय भारत
#SpiritOfIndependence
महफ़िल जमी है यहां, न जाने क्या बात है?!
अरे, इतना भी नहीं जानते? एकता की सुप्रभात है।
कहीं केसरिया रंग है छाया, कहीं पेड़ - पौधों की हरियाल है।
सबके चेहरे चमक रहें, माहौल सारा खुशहाल है।
कभी आँखें नम हैं यहां, तो कभी इनमें खुशियों की बरसात है।
अरे यारों, कुछ नहीं, बस शहीद जवानों की याद है।
आज का दिन उस ध्वजा के नाम है।
सबसे प्यारा जो है यारा, उस तिरंगे को हमारा सलाम है।
संग रहना है अपनी आदत,
जय हिंद, जय भारत।
© Srishty Bansal
महफ़िल जमी है यहां, न जाने क्या बात है?!
अरे, इतना भी नहीं जानते? एकता की सुप्रभात है।
कहीं केसरिया रंग है छाया, कहीं पेड़ - पौधों की हरियाल है।
सबके चेहरे चमक रहें, माहौल सारा खुशहाल है।
कभी आँखें नम हैं यहां, तो कभी इनमें खुशियों की बरसात है।
अरे यारों, कुछ नहीं, बस शहीद जवानों की याद है।
आज का दिन उस ध्वजा के नाम है।
सबसे प्यारा जो है यारा, उस तिरंगे को हमारा सलाम है।
संग रहना है अपनी आदत,
जय हिंद, जय भारत।
© Srishty Bansal