...

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झिझक
चार दिवारो के बीच
सिमटने सी लगी हुं
कैसे खुद को बताऊँ
आज मै डरने लगी हुं
हर पहल से पहले
जरा ज्यादा सोचने लगी हुं
कैसे खुद को बताऊँ
आज मै डरने लगी हुं
पिंजरे मे कैद कर
खुद के साथ जुर्म करने लगी हुं
कैसे खुद को बताऊँ
आज मै डरने लगी हुं
डरने से डरती थी
पुरानी मै,नई हो गई हुं
कैसे खुद को बताऊँ
आज मै डरने लगी हुं
© Pummy Singh