भविष्यवाणी..... 🖊️🖊️
थमेंगी चाहतों की बारिश कभी,
उमड़ेगा सैलाब समंदर सा कभी
लहरों से फिर मिलना होगा नहीं
किनारों पर बैठे सोचेंगे सभी |
आगये जहाँ का पता था हमें,
भीगी फिर भी नज़रेँ सभी,
हुआ वही जो होता गया,
पाया जिसने वो खोता...
उमड़ेगा सैलाब समंदर सा कभी
लहरों से फिर मिलना होगा नहीं
किनारों पर बैठे सोचेंगे सभी |
आगये जहाँ का पता था हमें,
भीगी फिर भी नज़रेँ सभी,
हुआ वही जो होता गया,
पाया जिसने वो खोता...