ज़िंदगी की कश्ती
#ज़िंदगी की कश्ती
ज़िंदगी की कश्ती खड़ी है मझदार में
दूर कहीं किनारा है,
मुसाफिर असमंजस में है कैसे अब
उस पार जाना है,
कोशिशों का मंज़र है जारी अभी
कहाँ हार...
ज़िंदगी की कश्ती खड़ी है मझदार में
दूर कहीं किनारा है,
मुसाफिर असमंजस में है कैसे अब
उस पार जाना है,
कोशिशों का मंज़र है जारी अभी
कहाँ हार...