पैसे को पीछे भगाना है।
दुनिया आगे बढ़ है रही
लोग है आगे बढ़ रहे,
फिर सोच क्यू ना बदल ना रही
क्यू रह जाते है वैसे के वैसे,
क्यू भागते है इतना पैसों के पीछे
जब की सफलता तो उसे कहते है,
जिसमे पैसों के पीछे हम नहीं
बल्कि पैसा हमारे पीछे है भागे,
फिर भी लोग क्यू भागते है इतना
इन पैसों के पीछे,
थोड़ा दिमाग लगा यू देखे
पैसा आता है कहा से,
काम दाम तो कर ही लिया
फिर पैसा क्यू ना आया फिर से,
क्युकी पैसा आता नही है उसे लाना होता है
लोग कहते है,
हम है कह ते लाना नही बस बुलाना पड़ता है
बस यू ही बो आजा ता है,
सब है भैया दिमाग का खेल
राज करना है दुनिया पर तो,
दुनिया को अपना बना ना पड़ता है
एक लक्ष से चलना है पड़ता,
लक्ष हमेशा ऊंचा रखना है
दुनिया को अपना बना ना है,
पहले अकेले से सुरुवात है होती
फिर अच्छे कर्म से लोग अपने आप ही
आजा ते है,
फिर सफलता की सीढ़ी बन जाती
है अपने आप,
तो देर किस बात की
लग जाओ अच्छे कर्मों में,
लोगो को अपने साथ लाना है
पैसे को अपने पीछे भगाने।
© Nabendu writer
लोग है आगे बढ़ रहे,
फिर सोच क्यू ना बदल ना रही
क्यू रह जाते है वैसे के वैसे,
क्यू भागते है इतना पैसों के पीछे
जब की सफलता तो उसे कहते है,
जिसमे पैसों के पीछे हम नहीं
बल्कि पैसा हमारे पीछे है भागे,
फिर भी लोग क्यू भागते है इतना
इन पैसों के पीछे,
थोड़ा दिमाग लगा यू देखे
पैसा आता है कहा से,
काम दाम तो कर ही लिया
फिर पैसा क्यू ना आया फिर से,
क्युकी पैसा आता नही है उसे लाना होता है
लोग कहते है,
हम है कह ते लाना नही बस बुलाना पड़ता है
बस यू ही बो आजा ता है,
सब है भैया दिमाग का खेल
राज करना है दुनिया पर तो,
दुनिया को अपना बना ना पड़ता है
एक लक्ष से चलना है पड़ता,
लक्ष हमेशा ऊंचा रखना है
दुनिया को अपना बना ना है,
पहले अकेले से सुरुवात है होती
फिर अच्छे कर्म से लोग अपने आप ही
आजा ते है,
फिर सफलता की सीढ़ी बन जाती
है अपने आप,
तो देर किस बात की
लग जाओ अच्छे कर्मों में,
लोगो को अपने साथ लाना है
पैसे को अपने पीछे भगाने।
© Nabendu writer