अनभिज्ञ
कितना आसान है कह देना के मुश्किल है किसी 'दूसरे' के बिना जीना,शायद गलत हो मीशा ,
और इस बात का इल्म तक नही।
मगर बेशक है ये बात के....उससे भी मुश्किल है ..विहीनता
खालीपन होता और होती है रिक्तता 'पहले'
खुद को खुद से दूर करके हर रोज जीना ।
फिर अह्सास करना....और फिर ....जानकर ,भूल जाना ......
अनभिज्ञ अपने अस्तित्व को मृत सा जीवंत जीते जाना हर रोज ही।
© Meenakshi ___ मीशा✒️
और इस बात का इल्म तक नही।
मगर बेशक है ये बात के....उससे भी मुश्किल है ..विहीनता
खालीपन होता और होती है रिक्तता 'पहले'
खुद को खुद से दूर करके हर रोज जीना ।
फिर अह्सास करना....और फिर ....जानकर ,भूल जाना ......
अनभिज्ञ अपने अस्तित्व को मृत सा जीवंत जीते जाना हर रोज ही।
© Meenakshi ___ मीशा✒️