...

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तुम्हारा वो यूँ रूठ के जाना
उस रोज तुम जो रूठ के चली गई,
मानों हमारी खुसियाँ ही हमसे छुट गई
.
माना हमने कई गलतियाँ दोहराई थी,
पर सिर्फ बदले मे तुम्हारीं एक मुस्कान ही चाही थी
.
उस गलती की इतनी बड़ी सजा हमे ना दो,
आखिर सच्चा प्यार चाहा था तुमसे और मुस्कान की एक झलक पाने को
.
गलती भी क्या थी हमारी के बस पूछा था हमने के बेवफाई की बजह क्या है,
किस चीज़ मे हम खरे नहीं उतरे.... आखिर हमारी...