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साँसें तो आनी जानी है

ज़िन्दगी खुबसूरत है, सिर्फ़ मोहब्बत उसकी रवानी है।
आख़िरी मुलाक़ात कब हो जाए, साँसें तो आनी जानी है।।

बहती धारा में शामिल हैं, यह सुर्ख लबों की पैमानी है।
छलका दो आज इश्क़ का जाम, दिल बना बेईमानी है।।

रूह से रूह तक का यह सफ़र लगे कोई आमदानी है।...