अबतक भूल गया होगा।
किसी और की बाहों में झूल गया होगा।
मुझको तो वो अबतक भूल गया होगा।
कांटे ही कांटे क्यूं आए क़िस्मत में उसकी
वो मोहब्बत में लेकर तो फूल गया होगा।
तुम कहते रहो कि वो गलतियां मानता ही नहीं
हमें यकीं है वो करके हर बात कुबूल गया होगा।
अब ऐसा भी नहीं कि होंगी वो काम की सारी
कुछ बातें वो तो कहके फिजूल गया होगा।
© वरदान
मुझको तो वो अबतक भूल गया होगा।
कांटे ही कांटे क्यूं आए क़िस्मत में उसकी
वो मोहब्बत में लेकर तो फूल गया होगा।
तुम कहते रहो कि वो गलतियां मानता ही नहीं
हमें यकीं है वो करके हर बात कुबूल गया होगा।
अब ऐसा भी नहीं कि होंगी वो काम की सारी
कुछ बातें वो तो कहके फिजूल गया होगा।
© वरदान