मेरी मां.....
मेरी मां मेरा रब,
मां से ही शुरू , मां पर ख़तम।।
जब खुली मेरी आंख तो दिखा एक पहरा,
जो था मेरी मां का चेहरा सुनहरा।।
हाथों में उठाया मुझको,तो हो गया में चुप,
और जब बिठाया तुमने गोद में तो हो...
मां से ही शुरू , मां पर ख़तम।।
जब खुली मेरी आंख तो दिखा एक पहरा,
जो था मेरी मां का चेहरा सुनहरा।।
हाथों में उठाया मुझको,तो हो गया में चुप,
और जब बिठाया तुमने गोद में तो हो...