जिंदगी जीने का सलीका आ गया ||
जिंदगी जीने का सलीका आ गया ||
आंखें में नमी और होठों से मुस्कुराना आ गया ||
मंजर हैं कई जिंदगी की राहों में,
हर मंजर है खुशनुमा
ये दिल को समझाना आ गया ||
कभी रो दिया करते थे जिन मुश्किल राहों में ,
आज उनपर मुस्कुराना आ गया ||
डगमगा जाते थे कदम जिन राहों में , आज उन्हीं रहों पर बेखौफ चलना आ गया ||
जिंदगी जीने का सलीका आ गया |
अंखो में नमी और होठों से मुस्कुराना आ गया ||
© Seema Chauhan
आंखें में नमी और होठों से मुस्कुराना आ गया ||
मंजर हैं कई जिंदगी की राहों में,
हर मंजर है खुशनुमा
ये दिल को समझाना आ गया ||
कभी रो दिया करते थे जिन मुश्किल राहों में ,
आज उनपर मुस्कुराना आ गया ||
डगमगा जाते थे कदम जिन राहों में , आज उन्हीं रहों पर बेखौफ चलना आ गया ||
जिंदगी जीने का सलीका आ गया |
अंखो में नमी और होठों से मुस्कुराना आ गया ||
© Seema Chauhan