ग़ज़ल : अक्सर इस इश्क़ में ऐसा क्यों होता है
अक्सर इस इश्क़ में ऐसा क्यों होता है
जिसे चाहो वो ओर किसी का क्यों होता है
उसे चाहा उसे पाया और मिरा हाल ए दिल
कभी ऐसा तो कभी वैसा क्यों होता है
वापस आएगा वो शाम से पहले लेकिन
मिरे सीने में यह दर्द जैसा क्यों...
जिसे चाहो वो ओर किसी का क्यों होता है
उसे चाहा उसे पाया और मिरा हाल ए दिल
कभी ऐसा तो कभी वैसा क्यों होता है
वापस आएगा वो शाम से पहले लेकिन
मिरे सीने में यह दर्द जैसा क्यों...